मऊगंज। उत्तर प्रदेश के मऊगंज जिले से एक डॉक्टरों की लापरवाही का मामला सामने आया है। जहां नवजात के परिजनों जिला चिकित्सालय पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। परिजनों का कहना है कि डॉक्टरों ने इलाज में लापरवाही बरती जिसके चलते नवजात की मौत हो गई। जबकि शिशु की मां जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रही है।
डॉक्टरों ने डिलवरी के बाद कर दिया डिस्चार्ज
बताया जा रहा है कि पन्नी गांव निवासी शोभा सोधिया को प्रसव पीड़ा उठी। जिसके बाद परिजनों ने आनन फानन एंबुलेंस को फोन लगाया गाड़ी ढाई घंटे तक बाद पहुंची। जिसकी चलते गर्भवती महिला की तबीयत पहले से ज्यादा और बिगड़ गई। जैसे तैसे करके परिजन उसे जिला अस्पताल पहुंचाया। जहां उसने सुबह बच्चे को जन्म दिया। लेकिन डॉक्टरों ने महज कुछ घंटों बाद, दोपहर 2:30 बजे ही —प्रसूता को घर भेज दिया।
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डॉक्टरों ने कार्य में बरती लापरवाही
डॉक्टर ने अपने कार्य में लापरवाही बरती क्यों कि सरकारी नियमों के मुताबिक गर्भवती महिला को डिलवरी के बाद कम से कम तीन दिन अस्पताल में रहना अनिवार्य है लेकिन फिर डॉक्टरों ने उसकी छुट्टी कर दी। जबकि शोभा की तबीयत बिगड़ी हुई थी, शरीर में खून की कमी थी, फिर भी अस्पताल प्रबंधन ने उसे डिस्चार्ज कर दिया।
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अस्पताल में डिस्चार्ज होने के अगले दिन नवजात बच्चे की मौत हो गई और महिला की हालत बिगड़ गई। परिजन उसे फिर अस्पताल ले आए जहां डॉक्टरों ने उसे रीवा जिले के संजय गांधी अस्पताल रेफर कर दिया। यहां भी महिला के परिजनों को समय से एंबुलेंस नहीं मिली और अस्पताल पहुंचते ही समय पर डॉक्टर नहीं मिले।
